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रविवार, 12 जून 2011

मूर्ख प्राणी की चित्त वृत्ति को बदलने का उपाय स्वयं विधाता भी नहीं खोज पाए.

पानी से आग को बुझा सकते हैं, छाते से धूप को रोक सकते हैं, तेज अंकुश से हाथी को वश में कर सकते हैं, डंडे के जोर से बैल और गधे को काबू किया जा सकता है, विभिन्न प्रकार की औषधियों से रोग नष्ट किये जा सकते हैं, विविध मन्त्रों से घातक विष उतारा जा सकता है, दुस्तर महासागर से पार होने के लिए जहाज है, अन्धकार का नाश करने के लिए दीपक है, हवा करने के लिए पंखा है, धरती पर ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके उपाय की विधाता ने फिक्र न की हो, शास्त्र में सबका इलाज है, परन्तु मूर्ख प्राणी का कोई इलाज नहीं है. दुष्ट की चित्त वृत्ति को बदलने का उपाय स्वयं विधाता भी नहीं खोज पाए.
     जो मनुष्य मूर्ख को वश में करने का उपाय करना चाहता है वह हलाहल विष को पीने और भयंकर महा सर्प का आलिंगन करने की इच्छा रखता है.
Fire can be put down by water, protection from the Sun can be effected by an umbrella, an elephant can be curbed by a sharp pointed Ankush weapon, a head-strong bull or an ass can be controlled by a stick, a disease can be cured by medicines or various preventive measures and the effects of poison can be nulified by the chanting of mantras. There is a special remedy for everything given in the Shastras, but there is no remedy for an ignorent person.

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